पहली बार
पहली बार
जब उसको देखा,
तो मैं अवाक
सा रह गया............
मैं बस उसे
देखता रहा,
उसकी सादगी, उसकी चंचलता, मधुरता को देखता रहा
खुद को तो
मैं भूल ही गया,
अपना अस्तित्व
मैं भूल गया,
मैं क्या
हूँ, क्यों हूँ यहाँ
बस उसमें
ही खो गया, खो गया…………..
उसकी बातें
सुनता रहा, हँसता रहा, मुस्कराता
रहा,
तेरे कारण
ही मैं दुनिया के सुर ताल को पा सका ,
पहले तो बस
लफ़्ज थे पर लय उसमें कहीं न थी,
बेबसी मेरी
उसके सामने यूं ही बयां होती गयी,
मैं बेबस
सा, बेचैन सा होता चला गया,
नहीं जानता
कि उसकी नज़रें किधर हैं????
बस इतना जानता
हूँ कि...........
मेरी नज़र
में हर जगह तुम ही तुम हो,
जर्रे-जर्रे
को इस मंजर का गवाह बना लिया,
देखता हूँ
उसकी आँखों में,
तो लगता है
जैसे डांट रही हों मुझे…………..
और कह रही
हो मुझसे............................
मेरी याद
में शायद सोई नहीं ये आँखें रात भर,
दिल के इस
मंजर में एक अजब सी बेचैनी छाई हुई है,
बादलों के
चिलमनों से झाँक-झाँककर,
चाँद भी इसका
गवाह बन चुका है ...................
अभी भी जर्रे-
जर्रे में तुझे………………………………….
तेरी आहट, तेरे अभास से हर जगह तुझे पाता हूँ,
बस यही प्यारी
सोच लेकर कविता लिखे चले जाता हूँ !
ENGLISH TRANSLATION................
The first look
ENGLISH TRANSLATION................
The first look
First
time I saw her,
I
became speechless.
I could
not resist, But look.
I was
in awe of her simplicity, her versatility and her tenderness.
I
forgot my existence...
What am
I? Why am I here?
I was
lost, just lost...
I
listened to her speak, her laughter, her smile...
The
first time i met her,
I was
lost for words.
Just
because of you, I now have rhythm and tone in this world.
Earlier,
there was no rhythm in my life...There were words alone,
Involuntarily,
my helplessness was made apparent,
I was
helpless. I was restless.
I don't
know whom her eyes yearn for...
But i
only know one thing, that my eyes search only for her.
Every
bit of my existence, stands as a witness to this truth.
When i
look into her eyes, i feel that those eyes, are chiding me softly...
Teasing
me that I have been up all night in her thoughts.
In this
tussle with my heart, there is an unknown feeling that keeps coming....
In the
midst of these unclear clouds, even the moon is peeping through and have become
a witness to this truth.
Even
now, every bit of my existence recognizes you by your aura...
This! And this thoughts alone pull me
towards professing my feelings for you, through this poem.
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