Tuesday, August 16, 2016

लड़ रहे हैं, आज़ादी के लिए

लड़ रहे हैं, आज़ादी के लिए 
रोज सड़कों पर भीख माँगती हुई मायें,
अपने बच्चों को लिए गोद में,
लड़ती हैं भूख से आज़ादी के लिए,
पिंजड़े में बैठा तोता
लड़ता, फड़फड़ाता अपनी आज़ादी के लिए,
बनारस, मथुरा में जाते कई लोग,
लड़ते हैं जीवन चक्र से आज़ादी के लिए,
माचिस की तीलियों की तरह फैक्ट्रीनुमा डिब्बी में बंद,

Tuesday, June 21, 2016

कुतुबमीनार- हज़ारों वर्षों के इतिहास की गवाह

कुतुबमीनार

A Beautiful view of Qutub Minar, PC - Shubham Gupta

कुतुबमीनार और कुतुब परिसर भारत के इतिहास के कई पलों की गवाह है और यह परिसर अपने आप में कई रहस्यों, ऐतिहासिक विरासत को समेटे हुए है। दिल्ली के महरौली परिसर में स्थित यह परिसर अपनी खूबसूरती से कई घुमक्कडों, पर्यटकों, फोटोग्राफर्स को आकर्षित करता रहता है। 

A view of Qutub Complex , PC - Shubham Gupta
कुतुबमीनार की ऊंचाई की बात करें तो यह ईंट से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मीनारों में से एक है। साथ ही, 379 सीढ़ियों वाली यह भारत की सबसे ऊंची मीनार है। मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर और इसका व्यास 14.3 मीटर है। हालांकि, यह व्यास चोटी पर पहुंचकर 2.75 मीटर हो जाता है। इस परिसर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है।  

Monday, March 07, 2016

महिला दिवस: कुछ सवाल



वैसे तो आप सभी महिलाओं के लिए कोई एक दिन विशेष नहीं होता है, फिर भी आज के दिन का एक प्रतीकात्मक महत्त्व है। समाज में कई बार प्रतीकात्मक महत्त्व की महत्ता बहुत अधिक बढ़ जाती है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य की बात करें तो महिला सुरक्षा और उनका सशक्तिकरण एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। संसद में महिला आरक्षण विधेयक कई वर्षों से लंबित पड़ा हुआ है। महिला सशक्तिकरण है क्या और क्यों यह बहुत ज़रूरी है? सभी महिलाओं को निडर होकर घूमने की आज़ादी कब मिलेगी? एक खुला वातावरण महिलाओं के लिए कब सुरक्षित होगा ?

हमारे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर कहा, "यह सभी भारतीयों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करता पारिस्थितिकी तंत्र बनाएं। हम महिलाओं के लिए लैंगिक समानता और सशक्तीकरण के प्रयास को दोगुना करें। हम महिलाओं को देश के विकास के हर पहलू में पूरी क्षमता से और सार्थक रूप से भागीदारी करने में सक्षम करें।" 

राष्ट्रपति महोदय के कुछ शब्द जो कि वर्षों से लोगों के सामने सवाल बन कर खड़े हैं और ये शब्द इंतजार कर रहे हैं कि ये शब्द महिलाओं की समानता के परिप्रेक्ष्य में कब खत्म होंगे? "लैंगिक समानता, महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करता पारिस्थितिकी तंत्र, देश के विकास के हर पहलू में उनकी सार्थक भागीदारी" ये सभी  शब्द आज भी हम सभी के सामने उत्तर जानने के लिए खड़े हैं।