एशिया महाद्वीप में भारत
और उसके दक्षिणेत्तर पड़ोसी देश श्रीलंका के संबंध मछुआरों की समस्या से बिगड़ रहे
हैं | दोनों देशों की सेनाएँ मछलियाँ पकड़ने के लिए निर्धारित समुद्र सीमा का
उल्लघन करने पर मछुआरों को गिरफ्तार कर रही हैं |
पिछले शनिवार को ही श्रीलंका की सेना
ने 78 भारतीय मछुआरों को समुद्री सीमा का उल्लघन करने और उनकी सीमा में जाकर मछ्ली
पकड़ने पर उन्हें गिरफ्तार किया था | भारतीय सेना ने
भी 13 श्रीलकंन मछुआरों को भारतीय समुद्र सीमा में मछ्ली पकड़ने पर गिरफ्तार कर लिया
था | हालांकि, भारत ने 13 श्रीलंकन
मछुआरों को रिहा कर दिया, जिसका महिंदा राजपक्षे ने स्वागत भी किया | महिंदा
राजपक्षे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “मैंने भारतीय संसद के पहले संयुक्त सत्र के
उपलक्ष्य में 78 भारतीय मछुआरों को रिहा करने के आदेश अधिकारियों को दिये हैं | तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने भी केंद्र सरकार से तुरंत कदम उठाने
की मांग की थी |
कुछ ही दिनों पहले महिंदा राजपक्षे
ने सम्बन्धों को सुधारने की कवायद में भारत के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह
के बाद 29 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया था | शपथ ग्रहण समारोह
के बाद इस मसले पर महिंदा राजपक्षे और मोदी के बीच बातचीत भी हुई थी |
आँकड़ों पर नज़र डाली जाए तो 2013 में
626 भारतीय मछुआरे गिरफ्तार किए गए और इसी साल 200 श्रीलंकन मछुआरे गिरफ्तार किए
गए | 2011 से, 1200 भारतीय मछुआरे गिरफ्तार किए जा चुकें
हैं, जबकि इसी साल में लगभग 450 श्रीलंकन मछुआरे भी गिरफ्तार
हुए हैं |(स्रोत-अलजजीरा)
किसी भी मसले को सुलझाने का सबसे
अच्छा तरीका और पहला तरीका बातचीत होता है | बातचीत के माध्यम
से कई मसले सुलझाये जा सकते हैं | जब शपथ ग्रहण समारोह में श्रीलंका
के राष्ट्रपति को भारत बुलाया गया था, तो अधिकतर तमिल संगठन
राजपक्षे की भारत यात्रा का विरोध कर रहे थे | जयललिता ने तो
एक प्रैस विज्ञप्ति जारी कर यह कह दिया था कि इससे तमिलों की भावनाएं बहुत आहत हुई
हैं | एमडीएमके नेता वाइको दिल्ली के जंतर-मंतर पर उनकी भारत
यात्रा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे | डीएमके नेता एम
करुणानिधि भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए |
राजनीतिक रोटियाँ सेकने के चक्कर में राजनीतिक
पार्टियां अपने स्वार्थ हितों को पूरा करने के लिए जनता के हितों को दरकिनार करती
हैं | यदि वाकई में इस मसले को सुलझाना है तो महिंदा राजपक्षे से तमिलनाडु का
राजनीतिक प्रतिनिधित्व बात क्यों नहीं कर रहा है ? यदि
जयललिता, करुणानिधि, वाइको सच में
मछुआरों के हितैषी हैं तो दिल्ली आकर उन्हें बातचीत करनी चाहिये थी, अपना पक्ष रखना चाहिये था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया |
मछुआरों की गिरफ़्तारी कानूनन रूप से बिल्कुल
सही है | अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून यही कहता है कि यदि आप किसी देश की समुद्री
सीमा में बिना अनुमति के प्रवेश करते हैं, तो उस देश की सेना को गिरफ्तार करने का पूरा हक़ है | श्रीलंका का कहना है कि भारतीय मछुआरे हर साल उसकी समुद्री
सीमा में घुस कर करीब साढ़े छह करोड़ किलो मछली पकड़ रहे हैं जिससे उसे भारी
नुकसान हो रहा है |
यदि मछुआरों की गिरफ़्तारी के प्रमुख
कारणों में जाए, तो कच्चाथीवी द्वीप सबसे संकट पैदा करने वाला
इलाका बना हुआ है | कच्चाथीवी द्वीप निर्जन द्वीप है | वहाँ कोई भी बस्ती नहीं है | 1974 में इंदिरा गांधी
और सिरिमावो बंदारनायिके के बीच कच्चाथीवी समझौता हुआ था,
जिसके तहत कच्चाथीवी द्वीप श्रीलंका को
सौंप दिया गया था | विवाद का कारण बन रहे द्वीप को, श्रीलंका ने 2009 में यह कहते हुए पवित्र भूमि घोषित किया था कि यह जमीन
धार्मिक भाव से दी गयी है |
पाल्क स्ट्रेट एक समुद्री पट्टी है
जो कि भारत के तमिलनाडु और श्रीलंका के मन्नार जिले को अलग करती है | यह 53 से 80 किलोमीटर में फैली हुई है, जिसमें कई
नदियों का पानी बहता है | इसमें ही तमिलनाडु की वागई नदी भी
शामिल है | मछुआरों को यही समझ में नहीं आता कि वे अपने देश
की सीमा में हैं या फ़िर श्रीलंका की सीमा में घुस गए हैं |
संयुक्त राष्ट्र संघ के समुद्री कानून के मुताबिक, विशिष्ट
आर्थिक जोन ( exclusive economic
zone) वह समुद्री जोन है, जिसमें
किसी देश को समुद्री संसाधनों के प्रयोग करने का अधिकार है | संयुक्त राष्ट्र संघ के समुद्री
कानून के मुताबिक, कोस्टलाइन से 200 नाटिकल माइल्स तक
वह देश समुद्री संसाधनों का इस्तेमाल कर सकता है | भारत और
श्रीलंका के साथ समस्या यह है कि दोनों ही देश एक दूसरे का विशिष्ट आर्थिक जोन शेयर करते हैं | इस मसले पर कानून यह कहता है कि दोनों देशों की एक निश्चित सीमा होती है, जिसमें बराबर बराबर का हिस्सा दोनों देशों को मिलता है | यदि भारत श्रीलंका की सीमा में जाकर अतिक्रमण करता है तो इससे भारत की अंतर्राष्ट्रीय
छवि बेकार होगी | अभी जिस तरह से समुद्री सीमा को लेकर चीन, वियतनाम और फिलीपींस में विवाद चल रहा है, जिसमें चीन
अपने अधिकारों का अतिक्रमण कर रहा है | इससे चीन की विश्व में
काफ़ी आलोचना हो रही है | अगर भारत भी इसी तरह के कदम उठाएगा, तो इससे नुकसान भारत को ही होगा |
दोनों देशों के लिए मछ्ली पकड़ना इतना
महत्वपूर्ण क्यों है ? इसका उत्तर यह है कि भारत और
श्रीलंका का मछलियों का बहुत बड़ा बाज़ार है | यूरोपीय संघ
इनका सबसे बड़ा ग्राहक है | तमिलनाडु के कई परिवारों की
रोजी-रोटी का यही आधार है और तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख भाग भी है |
ऐसे में जरूरत मछुआरों के समस्या की समाधान
की है | मछुआरों की समस्या के समाधान के लिए भारत और श्रीलंका दोनों को संयुक्त रूप
से पहल करनी होगी | एक उपाय यह हो सकता है कि समुद्री सीमा पर
दोनों देशों की पेट्रोलिंग बढ़ा दी जाए | मछुआरों की नावों में
सरकार द्वारा जीपीएस की व्यवस्था की जाए ताकि अगर कोई भी कानून का उल्लघन करता है, तो उसे दंडित किया जा सके | दोनों देशों की सरकारों
को अपने नागरिकों को इस मामले में जागरूक करना होगा | दोनों देशों
को जल्द ही सारे विवाद सुलझाने होंगे, जिससे
जल्द से जल्द भारत श्रीलंका के रिश्ते मजबूत बन कर उभरे और एशिया महाद्वीप में एक
नयी शक्ति बन कर दिखाई दें |
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