लड़ रहे हैं, आज़ादी के लिए
रोज सड़कों पर भीख माँगती हुई मायें,
अपने बच्चों को लिए गोद में,
लड़ती हैं भूख से आज़ादी के लिए,
पिंजड़े में बैठा तोता
लड़ता, फड़फड़ाता अपनी आज़ादी के लिए,
बनारस, मथुरा में जाते कई लोग,
लड़ते हैं जीवन चक्र से आज़ादी के लिए,
माचिस की तीलियों की तरह फैक्ट्रीनुमा डिब्बी में बंद,