“बच्चे देश का भविष्य होते हैं लेकिन भारत देश में
आज भी कई बच्चे अपने बचपन को नहीं देख पाते हैं तथा अमानवीय कार्य करने पर मजबूर
हो जातें हैं | उम्र तो उनकी खेलने, पढ़ने की है लेकिन वो कुछ और ही
करने पर मजबूर हैं |”
भारत, एक उभरता हुआ देश
जो कि नित्य नयी ऊचाइयों को छू रहा है लेकिन उभरते हुए भारत की एक और तस्वीर है | ध्यान देने की बात यह है कि बच्चों से भीख मंगवाना,
उनसे काम करवाना एक दंडनीय अपराध है | लिए गए सभी चित्र
बेरसराय झुग्गी बस्ती क्षेत्र के आस पास के हैं |
इन
चित्रों से कई गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं | पहला यह कि इनको
भीख मांगने पर मजबूर कौन कर रहा है ? शिक्षा के अधिकार के
तहत बच्चों को 6 से 14 साल तक पढ़ाना अनिवार्य
है | सरकार ने इनके लिए मुफ्त शिक्षा का प्रावधान कर
रखा है फिर भी ये बच्चे कूड़ा बीन रहे हैं, भीख मांग रहे हैं, सामान बेच रहे हैं | दूसरा सवाल यह है कि बच्चों से
काम करवाना एक दंडनीय अपराध है लेकिन यहाँ तो कानून का माखौल उड़ाया जा रहा है |
जब मैंने बच्चों से
पूंछा कि आप को यह सब काम करने को कौन बोलता है तो उन्होनें मुझे इस सवाल का जवाब
नहीं दिया और वे आगें निकल गए | यहाँ तक की वे सभी अपनी फोटो
नहीं लेने दे रहे थे | मैंने जब इसका कारण पूंछा तो उसमें से करीब 8 साल के एक बच्चे ने बताया
कि हमें फोटो खिचवाने के लिए मना किया गया है और यह हमारे मास्टर ने कहा है | फिर मैं इसके बाद उनके कैंप गया जिसमें सरकार की तरफ से उनके रहने, खाने, पढ़ाई के लिए फ़ंड आता है | जब उनके मुख्य से यह सवाल पूंछा गया तो उन्होंने स्पष्ट तथा संतोषप्रद
जवाब नहीं दिया | उनका स्पष्ट तरीके से जवाब न दे पाना सरकार, प्रशासन तथा उनके मुखिया को कठघरे में खड़ा कर रहा है | सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह कि मास्टर
कौन है? जरूरत है
एक गहन जांच पड़ताल की, जिससे हमारा कल का भविष्य सुधर सके |
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