निर्माता : एलन लोरी, जॉन पिल्गर, क्रिस्टोफर हर्ड
निर्देशन : एलन लोरी, जॉन पिल्गर
कहानी लेखन : जॉन पिल्गर
संगीत : सचा पुट्टनम
कलाकार : जॉन पिल्गर, रागेह ओमार, डैन रेदर, मार्क
कार्टिस, कार्नेरॉस, जूलियन अंसाजे, सिनथिया
मैककिनी
समयावधि : 97 मिनट
रेटिंग : 5/5
जॉन पिल्गर ने अपनी फिल्म द वार यू डांट सी
में पत्रकारिता के बीच संघर्षों को दिखाया है | उन्होने यह भी परीक्षण किया है कि किस तरह सरकार अपने फायदे के लिए
मानवीयता को भूलकर युद्ध कराने में जुट जाती है |
उन्होने
एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि इराक और अफ़गानिस्तान जैसे खूंखार तथा भयावह युद्ध
में मीडिया की क्या भूमिका होनी चाहिए और युद्ध के अपराध को कैसे तर्कसंगत तथा
न्यायोचित तरीके से रिपोर्ट किया जाए | जिनका यह पेशा है
उनका काम यह है किसी शक्ति के दवाब में न आ कर सच्चाई को जनता तक पहुंचाना चाहिए | इस फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि किस तरह सरकार प्रैस की स्वतन्त्रता
का गला घोंट कर अपने काले कारनामों को सही ठहराने के लिए मीडिया का गलत उपयोग करती
है |
रणनीतिक
साझा के तहत किए गए राजनीतिक युद्ध में मानवता की परवाह किए बिना कई बच्चे मारे
जाते हैं, कई औरतें विधवा हो जाती हैं, कई लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है, कई
माताओं को अपने बच्चों से जुदा होना पड़ता है |
युद्ध
की स्वतंत्र हो कर करनी चाहिए | उन्होने कई लोगों
जैसे स्टुअर्ट ऐवेन, मेल्विल गुडमैन,
ब्रायन व्हाइटमैन, मार्क करटिड, गाय
स्मालमैन आदि का साक्षात्कार किया | कई लोगों ने इस बात को
स्वीकारा है कि इराक युद्ध के समय गलत तरीके से रिपोर्टिंग हुई थी |
अंत
में बस यही कहना चाहूँगा कि यदि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के षड्यंत्र को देखना हो, ताकतवर देशों की दादगीरी व उसका परिणाम देखना हो,
तो यह फिल्म जरूर देखें | आपको कई बातें पता चल जाएंगी व आप
सोचने पर मजबूर हो जाएंगे | जो पत्रकार खोजी, स्वंतंत्र तथा आलोचनामात्मक पत्रकारिता करना चाहते हैं , वे इस फिल्म को जरूर देखें |
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