Tuesday, March 04, 2014

सियासत राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई की


सियासत राजीव गांधी के हत्यारों की  रिहाई की
भारत में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राजीव गांधी के हत्यारों की सजा को उम्रक़ैद में तब्दील कर दिया है | सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सियासत का बाज़ार गरम हो गया है | तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को छोड़ने की सिफ़ारिश की है | राजीव गांधी की हत्या में दोषी करार दिए गए लोगों को छोड़ने की तमिलनाडु सरकार की सिफ़ारिश पर राहुल गांधी ने कहा है कि "मैं खुद फांसी के खिलाफ हूं. मेरे पिता अब वापस नहीं आएंगे. मगर ये देश की बात है. ये केवल मेरे परिवार और मेरे पिता की बात नहीं है. अगर कोई देश के प्रधानमंत्री को मार सकता है और फिर उसको छोड़ दिया जाए तो फिर आम आदमी को न्याय कहां से मिलेगा. हिंदुस्तान को बदलना होगा” | तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई की सिफ़ारिश की है | राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेलों में बंद कुल सात लोगों की रिहाई की सिफ़ारिश की गई है | एमडीएमके पार्टी के नेता वाइको ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है | उन्होंने कहा, “आज ऐतिहासिक दिन है |  सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले को इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा. आज पूरा तमिल समुदाय बहुत ही ख़ुश है और तनाव मुक्त हुआ है | जयललिता के इस कदम का समर्थन द्रमुक ने भी किया है | बीजेपी ने जयललिता के इस कदम को आतंकवाद को बढ़ाने वाली सियासत कहा है | केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दोषियों की रिहाई के खिलाफ अर्जी दायर कर दी है |

                                          राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेंरबदूर में की गयी थी | राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेलों में बंद कुल सात लोगों की रिहाई की सिफ़ारिश की गई है | राजीव गांधी हत्याकांड में संथन, मुरुगन और पेरारीवालन को अदालत ने 1998 में मौत की सज़ा सुनाई थी | इन तीनों के अलावा रिहाई की सिफ़ारिश पाने वालों में नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन शामिल हैं | मुरूगनऔर संथन श्रीलंका के नागरिक हैं जबकि पेररीवालन भारतीय नागरिक हैं | उन्होंने साल 2000 में राष्ट्रपति के पास अपनी माफ़ी की अर्ज़ी दी थी, लेकिन 11 वर्षों के बाद राष्ट्रपति ने उनकी अर्ज़ी ख़ारिज कर दी थी | पहले उन्हें 2011 में फांसी दी जानी थी लेकिन मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर उसे रोक दिया गया था | उसके बाद से ये मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका हुआ था | सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो आदमी फांसी के फंदे के नीचे रहता है, जिसकी दया याचिका पर पहले से इतनी देर हो चुकी है, जाहिर उसे बहुत कष्ट सहना पड़ा है. इन हालात में उनकी मौत की सज़ा को उम्रकैद में बदलना ही सही होगा |
                                                 राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा सुनाये जाने के बाद से जेल में बंद दोषी पेरारिवलन की बहन ने फांसी की सजा पर राजनीति न करने का अनुरोध किया है | दोषियों की रिहाई पर जयललिता सरकार का कहना है कि ''संथन, मुरूगन और पेरारिवलन पिछले 23 सालों से जेल में बंद हैं. इसी का ख़्याल रखते हुए सीआरपीसी की धारा 432 के अंतर्गत राज्य सरकार को दिए गए अधिकारों के तहत राज्य सरकार ने उन तीनों को रिहा करने का फ़ैसला किया है. ठीक उसी तरह हमने नलिनी, रॉबर्ट पायस, जयकुमार, रविचंद्रन को भी रिहा करने का फ़ैसला किया है|” लेकिन इन तमाम लोगों को टाडा की अदालत ने सजा सुनाई थी | इसलिए सीआरपीसी की धारा 435 के तहत तमिलनाडु सरकार के फ़ैसले को केंद्र सरकार से विचार विमर्श करना होगा और इसलिए केंद्र सरकार की राय जानने के लिए राज्य सरकार ने अपनी सिफ़ारिशों को फ़ौरन केंद्र के पास भेजने का फ़ैसला किया है | बयान के अनुसार अगर केंद्र सरकार ने तीन दिनों के अंदर कोई जवाब नहीं भेजा तो सीआरपीसी की धारा 432 के तहत राज्य सरकार के पास जो अधिकार हैं, उनका इस्तेमाल करते हुए उन सभी को रिहा कर दिया जाएगा | हालांकि अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट के पाले में है | अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट का होगा | ये तो इस मामले का कानूनी पक्ष है |

                                                           इस मामले का कानूनी पक्ष से कहीं ज्यादा राजनीतिक पक्ष है | रिहाई को लेकर सभी दल सियासत कर रहे हैं | तमिलनाडु में कई जगहों पर राजीव गांधी की प्रतिमा को तोड़ा गया है | वहाँ के स्थानीय लोगों की भावनाएं दोषियों के साथ हैं | तमिल वोट को खुश करने के लिए जयललिता ने ये कदम उठाया था लेकिन उनके इस कदम से कुछ खास फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि डीएमके, एमडीएमके दलों ने भी जयललिता के इस कदम का स्वागत किया है | लोकसभा चुनावों में तमिल वोट किसको मिलेगा, इसके लिए सभी दल अपना पूरा ज़ोर लगा रहे हैं | 

                                                       

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